ये तबाही एक तोहफा है जो प्रकृति ने हमे दिया है , हमारी हैवानियत के लिए।
हम इंसानों ने इस धरती को इतने जख्म दिए है की अब धरती भी चीख उठी है, उसका गुस्सा हमपर अब कहर बनकर हमारे अस्तित्व को ख़तम करने पर लगा है।
ये कायनाथ खुद की कीमत वसूलना जानती है और ये कीमत हमें अपनी जान देकर चुकानी होगी।
1.सुनामी
2.बंजर होते जमीन
3.महामारी
4.ऑस्ट्रेलिया के जंगलों की आग
5.ग्लेसियर्स का पिघलना
ये सभी चेतावनी ही तो है
काश हम कभी भी धरती को ऐसा घाव न दे की वो दर्द से इतना चीख दे की दुबारा ये किसी को दर्द पहुंचने का मौका ही न दे।
यही समय है इंसानो को सँभालने का वरना बहुत देर हो चुकी होगी।
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